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इतिहास और नदी / राजेन्द्र कुमार

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हम नदियों के बहाव में
मोड़ आते हैं
लेकिन हमें
तोड़ नहीं पाते हैं
             अपने उत्स से-
यही हमारी महानता है !

हमारा नाम गंगा हो या पद्मा
कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता
फ़र्क़ पड़ता है
छिछले तालाब को नदी कहने से
या
नदी को
वहशियाना तालाब कहने से

ग़लत नाम देने का
कोई भी प्रयास
ज़्यादा से ज़्यादा यही हो सकता है न-
कि इतिहास के किसी पन्ने पर
भद्दी स्याही ढरक जाए;

इससे हमारी पहचान नहीं ढकेगी
न ग़लत साबित होगी,
हमें विश्वास है ।

क्योंकि भूगोल को हमने कभी
भ्रम में नहीं रक्खा
क्योंकि इतिहास को हमने
जिया है ।