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ई रंग कैहिनें? - कहीं बाढ़ छै / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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कहीं बाढ़ छै, कहीं पर सूखा,
ई रंग कैहिनें हो भगवान?
कहीं दहैलै फसल माल सब,
कहीं पियासलऽ छै इनसान।

ई रंग तेॅ सरकार करै छै,
अपनें तेॅ छी समदरसी।
केकरौह देलियै सेज मखमली
केकरौह सूतै लेॅ ठठरी।

केॅ करतै इनसाफ प्रभुजी?
सज्जन लोग कहाँ जैतै?
दीनवन्धु कहलाबै छीयै
दीनदुखी कैहिनें मरतै?

नैं सुनबै तेॅ डंका बजतै,
लड़तै, आखिर की करतै?
धीया पूता घरनी खातिर
मरतै, या जिन्दा रहतै।