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एक दिन ब्रह्मा मिल जाते... / हिमांशु पाण्डेय

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एक दिन ब्रह्मा मिल जाते
तो उनसे पूछता कुछ प्रश्न
और अपनी जिज्ञासा शांत करता
कि क्यों नहीं पहुंचती
उन तक किसी की चीख ?

उनसे पूछता कि
जिसका ताना मजेदार, खूब रसभरा है
फलदार क्यों नहीं हो गयी वह ईख ?
और जानता कि
जिसकी लकडियाँ बांटती हैं सुगंध चहुँओर
उस चंदन के वृक्ष में
क्यों नहीं दीखता कोई फूल ?
और समझता कि
जिसे चमकते देख
मुग्ध हो जाता है मन
उस स्वर्ण ने गमकना क्यों नहीं सीखा?
और जवाब मांगता उनसे कि
क्यों अल्पायु होते है सुधि-क्षण
और विद्वान को
क्यों नहीं मिलती भली-भीख ?

एक दिन ब्रह्मा मिल जाते
तो उनसे पूछता यही कुछ प्रश्न ।