भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

काला राक्षस-7 / तुषार धवल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बिकता है बिकता है बिकता है

ले लो ले लो ले लो

सस्ता सुंदर और टिकाऊ ईश्वर

जीन डी.एन.ए. डिज़ाइनर कलेक्शन से पीढियाँ ले लो

ले लो ले लो ले लो

बी.पी.ओ. में भुस्स रातें

स्कर्ट्स पैंटीज़ कॉन्डोम सब नया है

नशे पर नशा फ़्री

सोचना मना है क्योंकि

हमने सब सोच डाला है

ले लो ले लो ले लो

स्मृतियाँ लोक-कथाएँ पुराना-माल

बदलो नए हैपनिंग इवेंट्स से

तुम्हारी कथाओं को री-सायकल करके लाएंगे

नए हीरो आल्हा-ऊदल नए माइक्रोचिप से भरेंगे

मेड टू आर्डर नया इंसान

ले लो ले लो ले लो

मेरे अदंर बाहर बेचता-खरीदता-उजाड़ता है

काला राक्षस

प्यास

और प्यास