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कुछ यूं तुम मेरी कहानी लिखना / शिव रावल

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ज़ज़्बातों को अलफ़ाज़ बनाकर
कुछ यूँ तुम मेरी कहानी लिखना
हर पन्ने से मेरी ख़ुशबू आए
अपनी हँसी से याद पुरानी लिखना
विरह-मिलन के संयोग से परे
मुझको मीरा या राधा रानी लिखना
मेरे रंग, उमंग का ज़िक्र भी होगा
तो तुम चुनर धानी लिखना
अदले-बदले मोतियों वाली मोहब्बत को
दो नम आँखों में पानी लिखना
फ़िर से मेरी प्रीत तलाशेगी
कागज़ में तराश के कोई निशानी लिखना
मेरी उम्र की बात चले ग़र ए 'शिव'
तुम पर खतम जवानी लिखना
आखिरी पन्ने पर सिसकेगी स्याही
बस इक दीवाना, इक दीवानी लिखना