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गुरु बिन मारग ना चलै, गुरु बिन लहै न ज्ञान / सहजोबाई

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सहजो का मत है कि ईश्वर को निर्गुण रूप मंे मानो या सगुण रूप में, पर किसी सच्चे गुरु की सहायता के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती।

गुरु बिन मारग ना चलै, गुरु बिन लहै न ज्ञान।
गुरु बिन सहजो धुन्ध है, गुरु बिन पूरी हान॥
हरि किरपा जो होय तो, नाहीं होय तो नाहिं।
पै गुरु किरपा दया बिनु, सकल बुद्धि नहिं जाहिं॥