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गुलाब / मुइसेर येनिया

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क्रायोवा में
गुलाब के बगीचे के सामने

मैं देख रही हूँ इस दुनिया को
एक सुर्ख़ गुलाब की तरह

मैं देख सकती हूँ उन सबको
जो मेरे भीतर हैं
जब भी देखती हूँ
गुलाब की ख़ूबसूरती की तरफ़

जिन्हें पाल रही हूँ मैं
अपने दिल की मिट्टी से।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणिमोहन मेहता’