भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चूड़ा गीत / 3 / राजस्थानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चून्दड़ चून्दड़ करोये लुगायां चून्दड़ जाबान देय।
सीस चढ़े लटका करे जी कोई देखे म्हारा बाई सा रा बीर।
भोली चून्दड़ ये देखे सैया रो साथ मेहंदी राचणी।
टीको टीको करोये लुगायां टीको जाबान देय।
सीस चढ़े लटका करे जी कोई देखे म्हारा बाई सा रा बीर।
भोली टीको ये देखे सैयां रो साथ मेहंदी राचणी।
काजल काजल करोये लुगायां काजल जाबान देय।
नैन खुले लटका करे जी कोई देखे म्हारी नणदल बाई रा बीर।
भोलो काजलियो देखे सैया रो साथ मेहंदी राचणी।
मेहंदी मेहंदी करोये लुगायां मेहंदी जाबान देय।
हाथ लगी लटका करे जी कोई देखे म्हारा बाई सा रा बीर।
भोली मेहंदी ये देखे सैया रो साथ मेहंदी राचणी।