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जिकुड़ी म माया / ओम बधानी

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जिकुड़ी म माया कु द्यू जगिगे
मैन त देख्याली,यूं आंख्यौं म देख्याली
मन मेरा भि माया कि झौळ लगीगे
मै भि देख्यााली,यूं आंख्यौं म देख्याली

खुटी एक जगा टिकदी नी उडणू छौं बथौं म
सुळझौण म और भि अळझिग्यौं माया की कथौं म
आंखी सुपन्या बुणदी,कानु म तेरी छ्वीं गुंजदी
भौंरौं क मन की रौण भौण फूलुन बिंग्यााली

त्वैन रंगाई सजाई मेरी बेरंगी दुन्यां
तेरी माया की बरखान् मौळि मन की दुन्यां
चखुला पोथला गांदा गीत,हमारी माया क गीत
डाळी बुरद्यौंन भि यै रंग म रंग अपड़ू छोळ्याली

तेरी मुखड़िमा आयी हंसी खिलिगे तन मेरू
तेरी आंखि जब छळकिन,बुझिगे मन मेरू
जिकुड़ा छप-छपी पड़िगे, मन चायूं सौंजड़्या मिलिगे
जनम-जनम कु नातादार त्वै मजी पयाली।