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जीने का ज़ज्बा (हाइकु) / रमा द्विवेदी

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१-लब खामोश

बहुत कुछ बोले

नैनों की भाषा |


 
२-जीने का ज़ज्बा

खुद में हो अगर

कमी न खले |


 
३-नभ न भी हो

खुला रखो झरोखा

ताजगी लाए |


 
४-समझते वे

मौन की परिभाषा

मौन की भाषा |


 
५-तीखी चुभती

नश्तर -सी चुभोती

शीत लहर |


 
६-विवश मन

मजबूरी के रिश्ते

ढोता ही जाए|