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जो महान हैं आज / नित्यानंद गायेन

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जो महान रहे
अपने-अपने काल में
सम्मान में
लोगों ने ख़ुद बनाईं
उनकी प्रतिमाएँ
फिर...
लिखी गईं उनकी
महान गाथाएँ
इतिहास पुस्तकों में ।

आने वाली पीढ़ी के लिए
सुकरात, नानक, कबीर
आज़ाद, भगत सिंह, गाँधी
और न जाने कितने नाम
यहीं मिले हमें...

आज हवा बदल गई है
सभी स्वघोषित महान
ख़ुद ही बनवा रहे हैं
अपनी-अपनी मूर्तियाँ
और चापलूस लिख रहे हैं
उनका इतिहास
अबूझ बच्चों की क़िताबों में
यह सोचे बिना
कि काल-परिवर्तन
एक निरन्तर प्रक्रिया है

आज के बच्चे
कल बड़े और समझदार बनेंगे
तब वे करेंगे
सत्य की पड़ताल...
तब कैसे बचा पाएँगे ये सभी
अपनी-अपनी 'महानता'...?