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टटका डहकन / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

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समधिन मारलथि एक लथारि
लगिते समधि काटथि बपहारि
समधि गुरकि गेलथि गोरथारि
अप्पन गाम नगरिया ना .........
देखिते समधि हाथमे सटका
समधिन उठाक' देलनि पटका
समधिक गत्रगत्रमे झटका
लगलनि बीच बजरिया ना............
अभरन बिनु घुरि एलथि समधि
समधिन पचका देलथिन धोधि
समधि डफली बनि चिचियाबथि
समधिन अपने पमरिया ना.........
समधिन जा रहली नैह'र
माँथपर मोटा नेने व्'र
लछरैत पछरैत घामक त'र
समधि चतुर्थीक भरिया ना .........
कोचिला खाउ लिअ' पूर्णांजलि
छींटब अंतिमबेर पुष्पांजलि
हुनक सोहागक बारहो अंजलि
मारू सेंथुमे मरिया ना........