भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टाइपराइटर से अभी-अभी / हाइनर म्युलर / उज्ज्वल भट्टाचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

टाइपराइटर से अभी-अभी निकाले गए
कविता से भरे एक पन्ने के ऊपर
रेंगता है एक पतंगा

पता नहीं मुझे मज़ा आया होता या नहीं
लेकिन इतना पता है
मैंने उसे मार डाला होता
दस साल पहले

बिना झिझक के बदला है क्या
मैं या यह दुनिया

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य