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तुमने कहा था-2 / प्रेमचन्द गांधी

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यह देह रहे न रहे
मेरा प्रेम हमेशा रहेगा
मेरी अनुपस्थिति में जब तुम मुझे पुकारोगे
तुम्हारे भीतर जाग उठूंगी मैं
मुझे याद करोगे जब
तुम्हारी आँखों से आँसू बन ढरक जाऊंगी
उन आँसूओं को पीना मत भूलना
मुझे अदेह चुम्बन से वंचित मत रखना