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तूफानों से टकराने का नाम जिन्दगी है! / राधेश्याम ‘प्रवासी’

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नाविक झंझाओं से लड़ने का साहस कर लो,
तूफानों से टकराने का नाम जिन्दगी है!
जीवन पथ है, मौत एक मंजिल है,
शान्ति मिल सके साहिल से, पहले, मुश्किल है,
किंकर्तव्य विमूढ़ बना मत, लहरों ने ललकारा है,
भँवरों से भिड़ जाने का ही नाम जिंदगी है!

अंगारों पर चल कर बाधाओं से खेल सको,
विप्लव की लपटों पर यदि छण भर को डोल सको,
झेल सको यदि कष्टों के हड़कम्पी भूचालों को,
कष्टों को हँस कर सहने का नाम जिन्दगी है!

युग की प्राचीरों पर, जिनकी लिखी कहानी है,
लोहू की बौछारों में मिल, लुटी जवानी है,
मर कर के भी अमर हो गई है जग में गाथा,
निज स्वदेश पर मर मिटने का नाम जिन्दगी है!