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तू न मुझसे प्यार कर मैं प्यार के क़ाबिल नहीं / रंजना वर्मा

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तू न मुझसे प्यार कर मैं प्यार के काबिल नहीं।
हूँ नदी की वह भँवर जिसका कोई साहिल नहीं।

जिंदगी की राह में हैं बढ़ रहे अनजान से
भूल जाते हैं सदा अपनी कोई मंजिल नहीं॥

प्यार में तड़पा किये आँसू बहाये रात दिन
पर किसी का बन सके ऐसा हमारा दिल नहीं॥

आस ले देखा किये आकाश को हम हर घड़ी
पर बरस जाये कभी वह मेघ जाता मिल नहीं॥

प्यास के मारे समंदर के किनारे हैं खड़े
तृप्ति पाये प्यास कैसे कण्ठ जाये खिल नहीं॥