भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तोरण और मिजमानी के गीत / 3 / राजस्थानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सात सुपारी सिंगाडारो सटको।
बुढा-ठाडा जानी लायो काई खायो गटको।
छोरा-छोरा जानी लायो काई खायो गटको।
काण-खोडा जानी लायो काई खायो गटको।
माता-मोटा जानी लायो काई खायो गटको।
डीगा-ठिंगणा जानी लायो काई खायो गटको।