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दादा जी का सोंटा / प्रकाश मनु

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फौरन बिगड़ी बात बनाता,
करामात अपनी दिखलाता-
दादा जी का सोंटा!

बड़ा लाड़ला प्यारी साथी
दादा जी के संग दिन-राती,
आते-जाते दौड़ लगाता
मंदिर जाता, मेले जाता।
हरदम, हर पल साथ निभाता-
दादा जी का सोंटा!

बड़ा चौक, जौहरी बाजार
पहचाने सब आँगन-द्वार
दादा जी के संग घूमा है
मस्ती में संग-संग झूमा है।
इसीलिए तो रोब दिखाता-
दादा जी का सोंटा!

चिंटू करता अगर शरारत
तब आती है उसकी आफत,
छुटकी ज्यादा शोर मचाती
होमवर्क में देर लगाती।
तब अपने तेवर दिखलाता-
दादा जी का सोंटा!