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धर्मात्मा बन लूटते हैं धर्म ही के नाम पर / महावीर शर्मा

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धर्मात्मा बन लूटते हैं धर्म ही के नाम पर
हंसने लगा शैतान भी अब आदमी के नाम पर

ऐसे घिनौने कत्ल भी अब धर्म कहलाने लगे
ज़िंदा चिता में झोंक दी अबला सती के नाम पर

ये मन्त्रों के जाप से उपचार का दावा करें
सब खोखले अल्फ़ाज़ हैं संजीवनी के नाम पर

बाबा चमत्कारी मदारी की कला में कम नहीं
अब तो विदेशी गाड़ियां हैं स्वामी जी के नाम पर

नकली दवा बिकती रहे, बीमार की किस को पड़ी
बिकने लगी है मौत भी अब ज़िन्दगी के नाम पर

कोई जगह ऐसी नहीं आतंक से महरूम हो
आतंक की बुनियाद भी है धर्म ही के नाम पर

मासूम बच्चों के लबों से मुस्कराहट छीन ली
क्यों जान लेते हो ख़ुदा की बन्दगी के नाम पर ?

हैवानियत की गोद में पलने लगा जब आदमी
रोने लगी भी इनसानियत बेकसी के नाम पर.