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नदी से दूर एक सिन्धु है समतल / केदारनाथ अग्रवाल

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नदी से दूर एक सिन्धु है समतल

सिन्धु से दूर एक अन्य प्रेत है नभ का,

हे भगवान, मेरी आँख के रोग को सहारा दो

कहीं ऎसा न हो कि असीम दिक और प्रलम्ब पुरातन

मेरा हृदय निचोड़ लें

और इस भयंकर भूमि पर

मेरे छोटे शंख को

बड़ी हवा संस्कर मार डाले ।