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नया मोड़ लाती सदी आ गई है / सूर्यपाल सिंह

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नया मोड़ लाती सदी आ गई है।
मसीना1 लगाती सदी आ गई है।

न कोई सहज पाँव रखता यहाँ पर,
नया राग गाती सदी आ गई है।

कहाँ जानते तुम कि क्या वह करेगी?
अँगूठा दिखाती सदी आ गई है।

न कोई यहाँ खुष दिखाई पड़े क्यों?
नया बोझ लाती सदी आ गई है।

यहाँ हर क़दम पर तिराहे दिखे हैं,
भ्रमाती चिढ़ाती सदी आ गई है।

1.मसीना-नदी के कटाव का एक ढंग।