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नयी-नयी दुल्हन / वैशाली थापा

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नयी-नयी दुल्हन
नयी-नयी दुनियाँ में
नये-नये लोगो से मिल रही थी।

नये-नये लोगों ने
पुराना-पुराना आशीर्वाद दिया
‘‘पुत्रवति भव’’

नयी-नयी दुनियाँ का
एक पुराना-पुराना बूढ़ा था
जिसने नया-नया आशीर्वाद दिया
‘‘ऐसे ही हमेशा मुस्कुराती रहो’’

यह सुनते ही
नयी-नयी दुल्हन
नया-नया मुस्कुराने लगी।