भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पर्यावरण-2 / राजा खुगशाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुछ लोग बाँध बन गए नदियों पर
कुछ लोगों ने धुएँ से ढक दिए जंगल
कुछ मास्क पहन कर निकले सड़कों पर
कुछ लोग दूरबीन से देखने लगे
यूनियन कार्बाइड और चेरनोबिल की चिमनियाँ

चीख़ने-चिल्लाने लगे कुछ लोग
बचाइए, पृथ्वी को बचाइए
बचाइए, धरती पर मनुष्य का जीवन

कुछ लोग
संज्ञाशून्य पृथ्वी से पूछने लगे :
नक्षत्रों के बीच धुएँ के अक्षरों में
किसने लिख दिया तुम्हारा नाम

कुछ लोग
पृथ्वी के पर्यावरण पर बोलते हुए
चुपचाप बचा गए एक-दूसरे को ।