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पिता / जोशना बनर्जी आडवानी

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पिता मरा नही करते
वे अपने बच्चो मे जम जाया करते हैं
ठीक वैसे ही जैसे
चिड़ियो के पंखो में जम जाता है थोड़ा सा आसमान
पर्वतो पर जम जाते हैं जैसे पत्थर और कंकड़
और नदियों मे जम जाता है जैसे बांध बनाने वालो का पसीना