भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रेम का दरिया / भारत यायावर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

फ़ैज की कविता
और इकबाल बानो की आवाज़ !
दोनों को प्यार करता हूँ

इन शब्दों के साथ
जब प्रेम की दरिया में बहकर
हम अपनी हक़ीक़त देखेंगे
हम अपनी सूरत देखेंगे

हर झूठ से मुँह को फेरेंगे
नफ़रत से भरे इनसानों में
चाहत के इरादे देखेंगे

हम देखेंगे !