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फिरि मंदिर हुएं बनईबे हम / प्रदीप शुक्ल

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अब फिरि चुनाव कै
आहटि है
फिरि मंदिर हुएं बनईबे हम

हम अच्छे दिन के
घोड़ा पर
खुब दौरि दौरि कै देखि लीन
औ बिकास कै पुपुही वह
बीते चुनाव मा फेंकि दीन

अब एकु सहारा
बचा यहै
बसि राम राम चिल्लईबे हम

ओ रामदीन
तुम भूलि जाव
तुम्हरे घर मा सब भूँख बईठ
बप्पा तुम्हार ई जाड़े मा
बिनु कपड़ा चाहै जायँ अईंठ

तुम जोर जोर ते
चिल्लायो
ओ रामलला जी अईबे हम

है वहू तरफ ते
बातचीत
रैली रैला सब सुरु भवा
बस मारु काट दंगा कर्फू
का भईया मौसमु आय गवा

फिरि पहिनि झक्कु
कपड़ा सफ़ेद
बस टी बी पर गरियैबे हम

अब फिरि चुनाव कै
आहटि है
फिरि मंदिर हुएं बनईबे हम