भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

फिर बताएँगे / अनीता कपूर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चलो फिर बताएँगे
जमाने ने किए कितने सितम
और हमने कितने सहे
चलो फिर बताएँगे
लोगों ने कितनी बार तोड़ा दिल
और हमने कितने सिये
चलो फिर बताएँगे
कितने रिश्ते बेमानी हुए
और कितने हमने जी लिए
चलो फिर बताएँगे