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फूलों की सेज मोती झल्लर का तकिया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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सूरज डूबा हो गई शाम
सो जा मेरे लालन सो जा मेरे प्यारे

फूलों की सेज मोती झल्लर का तकिया
सो जा मेरे ललना सो जा मेरे प्यारे

भौंरें सोये, तितली सोई, पूसी बिल्ली भी तो सोई
पंख समेटे चिड़ियाँ सोईं, मोर भी सोया पंख पसारे

गालियाँ सूनी चहल-पहल सब, सोई देखो रात हो गई
बतियाते जो चलते-फिरते, गूंगी उनकी बात हो गई

निंदिया आने वाली है, जल्दी ही तू सो जा रे
आँख मूंद ले 'आओ' कह दे, आ जायेगी सो जा रे।

अच्छा ले मैं लोरी गाती, गाती जाती, गाती जाती
अब तो सो जायेगा मुनुआ, कहती हूँ मैं तू सो जा रे
सो जा मेरे ललना सो जा मेरे प्यारे