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बहेगी रूधिर में सतत जीवनी सी / अनुराधा पाण्डेय

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बहेगी रूधिर में सतत जीवनी सी, तभी राष्ट्र की जान, हिंदी बनेगी।
प्रवाहित रहेगी सदा धड़कनों में, तभी राष्ट्र की शान हिन्दी बनेगी।
विसिंचित करो अब इसे स्वेद देकर, प्रगति पंथ पर यह सहज ही बढ़ेगी
बसेगी सभी के हृदय में निरन्तर, तभी राष्ट्र अभिमान हिन्दी बनेगी॥