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बादलों से शब्द झर रहे हैं / रोवेर्तो ख़्वार्रोस / प्रेमलता वर्मा

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बादलों से शब्द झर रहे हैं
महज झरने के लिए
झरते हैं अपनी शक्ति पाने
इसलिए नहीं कि कोई इन्हें रोक ले
झरते हैं अपनी शक्ति पाने
महामौन के भरपूर तनाव में ।

अचानक इनमें से ठहर जाता है
कोई एक शब्द — आकाश में — स्थगित
तब मैं उन्हें दान करता हूँ अपना अवरोह ।

मूल स्पानी से अनुवाद : प्रेमलता वर्मा’