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बेनूर है हर रात हर मंज़र बेनूर / रमेश तन्हा

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बेनूर है हर रात हर मंज़र बेनूर
बे-कैफ़ ख़यालात के पैकर बेनूर
हर कारे-हयाते-गुजरां भी बे-सम्त
लम्हाते-गुरेजां भी हैं शश्दर बेनूर।