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बौछार पे बौछार / भुवनेश्वर

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बौछार पे बौछार
सनसनाते हुए सीसे की बारिश का ऐसा जोश
गुलाबों के तख़्ते के तख़्ते बिछ गए क़दमों में
कायदे से अपना रंग फैलाए मेंह में कुम्हलाए हुए
आग आवश्यकता से अधिक पीड़ा का बदला चुकाने की
पीड़ा निर्जीव करने वाली उस आग से भी अधिक
दल के दल बादल
कि हौले-हौले कानाफूसियाँ हैं अफ़वाह की
जो अपशकुन बनकर फैली है
किसी... दीर्घ आगत भयानक यातना की
फ़ौजी धावा हो जैसे, ऐसा अंधड़
बादलों को परे के परे बुहार कर एक ओर कर रहा
ऐसी-ऐसी शक्लों में छोड़ते हुए उनको
कि भुलाए न भूलें
आदमी पर आदमी का ताँता
और हरेक के पास
बड़े ही मार्मिक जतन से अलगाई हुई अपनी
एक अलग कहानी
उसी व्यक्ति को लेकर
जो सदा वही कुर्ता पहने
उसी एक दिशा में चला जाता रहा
रहम पर रहम की मार
मरदूद करार देने उसी व्यक्ति को
और साथ उसके मठ के पुजारी को भी
जो शपथ ले-ले कर जीता मुर्दों की और
कम से कम आधे पखवाड़े में एक बार तो
झूठ बोलता ही है

अँग्रेज़ी से अनुवाद : शमशेर बहादुर सिंह