भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भीड़ / राजकिशोर सिंह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

डॉक्टर की क्लीनिक पर
लोगों की थी
ऽचाऽच भीड़
क्योंकि
कारगिल में
उसी शहर का
घायल हुआ था
एक वीर
डॉक्टर ने
घायल को
इलाज के लिए
किया अन्दर
बाहर देऽा तो
भीड़ का था
समन्दर
कम्पाऊंडर ने कहा
चिल्लाकर
आपलोग रोगी के
पास नहीं आइये


जहाँ से आए हैं
वहीं लौट जाइए
डाक्टर ने सोचा
क्या
ये सभी अटेंडेंट हैं
या
ये कोई राजनीतिक रेला है
या
किसी त्योहार का मेला है
भीड़ देऽकर
डाक्टर हो गया लाचार
तब
उसके मन में
आया एक विचार
उसने तुरंत कहा
रुकिये सारे लोग
आपका है यहाँ उपयोग
आ गई है
एक मजबूरी
रोगी को
बचाने के लिए
ब्लड है जरूरी
अतः
सबों को ऽून
चेक कराना होगा


रोगी को
बचाना होगा
आगे से
एक-एक कर आइये
ब्लड चेक कराइये
सारे लोग
भाग गए दूर
जो ऽड़े रहे
वो हो गए
ऽून देने को मजबूर
रोगी का
विचित्रा था नसीब
भीड़ हटाने की
थी यह तरकीब
आत्मा नहीं होती भीड़ की
कमाल है नसिर का।