भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूख मरत ईमान गली मा / कुंज बिहारी लाल चौबे

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भूख मरत ईमान गली मा मांगत भीख खड़े हे ।
बीच शहर बइमान सेठ के भारी महल अड़े हे ।
जनता के पइसा मा भइया नेतामन मजा उड़ावैं ।
अफसर पंखा तरी बइठ के दिन भर जीव जुड़ावै ।