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भेल गाम उदास / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

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आब ने ओ हास
ने ओ परिहास
मुरुझायल कास
दुबकल पलाश
मलीन चहचही
भेल गाम उदास!!
नोत भेंटय मोबाइल सँ
बिज्जोक भेल अंत
देवउत्थानक दिन ताड़ी-दारु
जे पीबथि ओ गुणवंत
आगाँक जनमल सोझाँ रमकय
फुसरी भोककन्नर सँ
बेसी टहकय
आचार्यक डीह पर
लागल चौखरी ताश
देवालय निःश्वास
पुस्तकालयक सोझाँ
श्वानक अश्रु-उच्छ्वास
न्याय दर्शनक भाव भूमि सँ
छँटल मनोरम सुवास
ई हाल मात्र नहि एक्के गामक
लतिमर्दित भेल संस्कार
ठाम ठामक...
ककर दोख?
जे श्रिंगी तिनका
धेलकनि पड़ाइन
मैथिल गमारु कहयबा सँ
होइत छन्हि गड़ाइन
गामक बासडीहक बड़ेरी
भेल छन्हि चित्तंग
जेना पड़ल लहास
अपने भौतिकताक आहि मे
बौआयत प्रवास
भरि पोख खा क'
रखने छथि उपवास...