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माँ के जाते ही / अनन्त आलोक

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माँ के जाते ही बाप गैर हो गया,
अपने ही लहू से उसको बैर हो गया,
घर ले आया इक पति हंता नार को,
आप ही कुटुंब पर कहर हो गया|