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मूरिष सभा न बैसिबा / गोरखनाथ

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मूरिष सभा न बैसिबा
       अवधू पंडित सों न करीबा बादं ।
राजा संग्रामे झूझ न करबा
       हेले न बोइबा नादं ।।