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मैं बहुत ख़ुश हूँ, पापा / पूजा कनुप्रिया

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पापा !
मैं आपका जीव
जिसे माँ ने आकार दिया
माँ का आँचल आकाश
तो आपकी हथेली आधार हुईं
जब माँ की उँगलियों में
आपका सहारा मिला
तब हिम्मत हुई थी
नन्हा-सा पहला क़दम बढ़ाने की
मुझे एक निवाला खिलाने को
घण्टों की मशक्कत
कभी घोड़ा कभी भालू कभी बन्दर
और न जाने क्या-क्या बन जाना

मुझे सुकून की नींद देकर
कितनी ही रातें आँखों में गुज़ारी हैं आपने
मेरे छोटे से छोटे दर्द को
अपनी आँखों से बहा देने वाले आप
मुझे विदा करते हुए रोए नहीं
जानते थे मैं ख़ुश रहूँगी
आपने चुना था मेरे लिए
सबसे बेहतर जीवनसाथी
जिसने जीवन की धूप को
मुझसे पहले अपने सिर लिया है
आपने दिया अनमोल साथी
जो बाँट लेता है
सारी कठिनाइयाँ

साँझा कर लेता है द्वंद्वों को
दिखाता है राह अँधियारे में
दीपक बनकर
वैसे ही जैसे माँ आपसे बाँट लेती थीं
आज जब बच्चों के साथ
उनके पापा को देखती हूँ
तो सोचती हूँ
समय तो नहीं बदलता
किरदार बदलते हैं
अपने बच्चों के पिता में
आपकी ही छवि दिखती है
सच
मैं बहुत ख़ुश हूँ पापा
आपके रूप में पाया मैंने विश्वास
माँ के संस्कार और आपके व्यवहार की महक से
जीवन बगिया सुगन्धित है