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यह आकार है -2 / मंगेश नारायणराव काले

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सिर्फ़ सन्नाटा है साथ
और हाथ हैं और पैर

एक जोड़ी हाथों को
एक जोड़ी पैरों ने अगर चलाया तो
गाँव पार कर सकता है आदमी

हमने तो साथ लिया ही नहीं था गाँव
सिर्फ़ आकार था गाँव का हाथ में
जो तोड़ दिया पैरों ने
दूसरा गाँव आते-आते

मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा