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राष्ट्र पुरुष नेहरू एवं कविवर रंग के जन्म दिन पर / लाखन सिंह भदौरिया

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राष्ट्र पुरुष नेहरू एवं गीत प्राण कविवर रंग के जन्म दिन 14 नवम्बर पर
(श्री रंग जी के पिता का नाम गुलाबसिंह था।)

मोती की सीपी से जन्मा, जहाँ जवाहर लाल।
वहीं कहीं महमहा उठी, हँसते गुलाब की डाल।
प्रसव पीर थी एक मगर दो रूप परी ने पाये।
एक रूप मुस्कान बन गया, गीत एक ने गाये।
वह गुलाब टाँके सीने में चित्र बन गया मीत।
उस गुलाब की धन्य पँखुरिया, रंग का रहा गीत।