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लेकिन प्यार तुम्हारा हूं मैं / चंदन द्विवेदी

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मत कहना आवारा हूँ मैं
नवल सर्जन की धारा हूँ मैं

होता है... मैं न जँच पाया
लेकिन प्यार तुम्हारा हूँ मैं

मैं भी उड़ता आसमान में
बस किस्मत का मारा हूँ मैं

टूट गया मन्नत की खातिर
आंखों का वह तारा हूँ मैं

जिंदाबाद सभी कहते हैं
इंकलाब का नारा हूँ मैं

गुम चिट्ठी का पता बताने
वाला एक हरकारा हूँ मैं

मुझको नदियाँ कहती हैं कि
थोड़ा ज्यादा खारा हूँ मैं

अंश हृदय का क्यों ढूँढना है
इक इक इंच तुम्हारा हूँ मैं

वन का हो या मन का चंदन
शीतलता की धारा हूँ मैं