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वाक् सुधा में प्रख्यात प्रबल / प्रवीण कुमार अंशुमान

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भारत का सारा
समृद्ध ज्ञान,
जिसमें है वह
पूरा विद्यमान;

जिसके अंतर्तम में
अभिनय का कौशल है,
वाक् सुधा में
जो प्रख्यात-प्रबल है;

काव्य-जगत् में
जिसका दमखम है,
जिसकी रचना
‘अख़िलामृतम्’ है;

जो अमृत की
बात बताता है,
अखिल प्रदेश से
जो आता है;

जो हर पल छोड़े
अमिट छाप,
जीवन-यज्ञ में
जो करता है जाप;

जिससे आज
हम सब हतप्रभ हैं,
अद्भुत दिखाता
सदा जो करतब है;

अरे! उसकी महिमा का
मैं क्या करूँ गुणगान,
उसके कारण तो सहजता भी
पा जाती है निज सम्मान ।