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वो मेरे आसपास था क्यूँ था / दीप्ति मिश्र

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वो मेरे आसपास था, क्यूँ था
और बेहद उदास था, क्यूँ था

प्यास थी बेपनाह और मय थी
फिर भी ख़ाली गिलास था, क्यूँ था

ख़्वाब ताबीर होके आया था
और यह दिल उदास था, क्यूँ था

शोख रंगों का था जो दीवाना
आज सादा-लिबास था, क्यूँ था

वो उड़ाता था होश लोगों के
आज ख़ुद बदहवास था, क्यूँ था

यूँ तो रिश्ता कोई न था लेकिन
मेरी ख़ातिर वो ख़ास था, क्यूँ था