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शहीदों के गीतों को गाना सदा / रोहित आर्य

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ऐ मेरे देश के वासियो सब सुनो,
तुम शहीदों के गीतों को गाना सदा।
जान वह देश पर हैं लुटा कर गये,
इसलिए शीश उनको झुकाना सदा॥
ऐ मेरे देश के...
देश के ही लिए मर गए और जिये,
देशहित यातनाओं के प्याले पिये।
देश के ही लिए सब ने ओढ़े कफ़न,
आँसू उनके लिए तुम बहाना सदा॥1॥
ऐ मेरे देश के...
क्रान्ति पथ पै सुनो थीं लड़ीं नारियाँ,
पैदा करती रहीं रोज चिंगारियाँ।
अपने बेटों व पतियों की दे दी बलि,
उनके साहस पै मस्तक झुकाना सदा॥2॥
ऐ मेरे देश के...
छोटे बच्चे लड़े, वृद्ध जन भी अड़े,
सारे गोरों के सम्मुख हुए थे खड़े।
इंकलाबी उठाये जवानों ने स्वर,
मातरम् वन्दे तुम गाते जाना सदा॥3॥
ऐ मेरे देश के...
क्रान्ति की देश में ऐसी आँधी चली,
क्रूर गोरों में मच थी गई खलबली।
देख आक्रोश वीरों का गोरे भगे,
उनका रहने न पाया ठिकाना सदा॥4॥
ऐ मेरे देश के...
उनको कोड़ों से अक्सर था मारा गया,
पीट कर खाल को था उतारा गया।
क्रान्ति पथ से न बिल्कुल वह पीछे हटे,
उनकी गाथा को तुम पढ़ते जाना सदा॥5॥
ऐ मेरे देश के...
काले पानी की सहते रहे यातना,
माफी माँगी नहीं न करी याचना।
देशहित कोल्हू हरदम चलाते रहे,
उनके गीतों को श्रद्धा से गाना सदा॥6॥
ऐ मेरे देश के...
गोलियाँ मारकर खूँ बहाया गया,
तोप से बाँधकर के उड़ाया गया।
कोई ज़िन्दा जलाया गया आग में,
उनके लोहू के ऋण को चुकाना सदा॥7॥
ऐ मेरे देश के...
क्रूर गोरों से बिल्कुल भी घबराये न,
गोरे उनको तो भयभीत कर पाये न।
फन्दे ख़ुद फाँसियों के रहे चूमते,
उनके पथ पै सभी बढ़ते जाना सदा॥8॥
ऐ मेरे देश के...
उनके गीतों को हम भी सदा गायेंगे,
गाथा उनकी सदा यूँ ही दोहरायेंगे।
वीर बलिदानियों की हमेशा हो जय,
गीत "रोहित" के सँग गुनगुनाना सदा॥9॥
ऐ मेरे देश के...