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शिक्षा में सुधार / ब्रह्मदेव कुमार

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कहिया ऐतै जिनगी में बहार सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।

प्राथमिक शिक्षा के तेॅ हाल बदहाल गे
पाँच-पाँच कक्षा पेॅ दू टा शिक्षक बहाल गे
विद्यालय की लगतै, लागै गुहाल सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।

एके गो कोठरिया में तीन-तीन किलास गे
बैठौ में मारा-मारी, ताकै आकाश गे
पढ़ैतै की मास्टर, धुनै कपार; सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।

वोटर-लिस्ट सें लैकेॅ, वोट दिलावै में
आदमी, गाय, भैंस, बकरी आरो मुर्गी गिनाबै में
मस्टरवा छै रात-दिन बेहाल, सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।

इन्दरा-आवास, बिरधापेंशन, पोखरिया खोदाबै में
गाँव-गाँव घुरी-घुरी, आम सभा करावै में
नै तेॅ सस्पेड होय लेॅ होय जा तैयार, सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।

शिक्षा आरो शिक्षक के दुख, केकरा सुनाबै
सुनी-सुनी सब्भे आपनोॅ, मुड़िया घुरावै ।
आबेॅ जे ऐतै कोॅन सरकार सुन गे सजनी
केना होतै शिक्षा में सुधार।