भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

शुभ संकेत / रेखा चमोली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गर्भ में
ज्यों ही पनपता है
स्त्री शिशु
एक अदृश्य शिकायत पेटी भी
बँध जाती है उसके साथ
उसकी उम्र के साथ ही
बढता जाता है जिसका आकार
और इसमें सिवाय उसके
सारी दुनिया दर्ज करा सकती है
अपनी शिकायतें
उसके इस दुनिया से जाने के बाद भी
इन शिकायतों को नष्ट नहीं किया जाता
बल्कि किसी इतिहास की पुस्तक की तरह
जब तब अन्य महिलाओं के बीच
पढ़ा जाता है
जिससे वे सबक लें
और उनकी शिकायत पेटी में
दर्ज हों
कम से कम शिकायतें
पर ये शिकायतें हैं कि
बढ़ती ही जा रही हैं लगातार।