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सखियाँ / अरुण कमल

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माथे पर जल भरा गगरा लिए
ठमक गई अचानक वह युवती

मुश्किल से गर्दन ज़रा-सी घुमाई
दायाँ तलवा पीछे उठाया
और सखी ने झुक कर
खींचा रेंगनी काँटा

और चल दी फिर दोनों सखियाँ
माथे पर जल लिए