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सुर्ख़ी पाउडर इत्र है भाई / प्रेम भारद्वाज

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सुर्ख़ी ,पाउडर इत्र है भाई
मुद्रा पुंय पवित्र है भाई

रोना धोना हँसना फँसना
दुनिया तो चलचित्र है भाई

करता घटनाक्रम निर्धारित
दुश्मन है या मित्र है भाई

मूक-बघिर है आम आदमी
जैसे भित्ति-चित्र है भाई

कमज़ोरी दशरथ की लेकिन
चर्चित त्रिया चरित्र है भाई

बोली के भी ढँग सिखलाता
नानी को दौहित्र है भाई

जीतें राम तभी जो विभीषण
हनुमत साथ सौमित्र है भाई

इसको आपदकाल परखना
पूरी बस्ती मित्र है भाई

अवसरवादी लोगों से भी
करना प्रेम, विचित्र है भाई