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सूखी आँख से आँसू सोच / निश्तर ख़ानक़ाही

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कर्ब* का यह भी पहल सोच
सूखी आँख से आँसू सोच

ठोकर-ठोकर लम्स* उगा
सहरा-सहरा* ज़ानू* सोच

दर्द की बे-आवाज़ी सुन
कल के ज़ख़्म की ख़ुशबू सोच

अपने वज़्न को आप न जाँच
इक-इक हाथ तराज़ू सोच

चढ़ता चाँद, सरापा देख
बिखरे-टूटे बाज़ू सोच

रात औ दिन के बीच समय!
जलता-बुझता जुगनू सोच

1- कर्ब--व्याकुलता

2- लम्स --स्पर्श

3- सहरा-सहरा--वन

4- ज़ानू--गोद