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हमें तुझसे मोहब्बत है हमें दुनिया से यारी है / 'महताब' हैदर नक़वी
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हमें तुझसे मोहब्बत है हमें दुनिया से यारी है
ये दुनिया भी हमारी है वो दुनिया भी हमारी है
हम अहल-ए-दर्द हैं1, हर वक़्त मसरूफ़-ए-तमन्ना2 हैं
हमीं को होशियारी है, हमी को बेक़रारी है
जहाँ के खेल में सब एक जैसे हमको लगते हैं
ये बाज़ी किसने जीती है ये बाज़ी किसने हारी है
खुली आँखों से देखो तो, ये दुनिया खूबसूरत है
हसीं तू है, जवाँ हम हैं, कहां की सोगवारी है
ये सब सच है मगर अहले वफ़ा के वास्ते लोगों!
अज़ल3 से ये जहान-ए-रंग-ओ-बू हमको भारी है
1-पीड़ित लोग 2-कामनाओं में लीन 3-अनादि काल